लुटेरा
छीन ली उसने
चेहरे की हमेशा खिली रहने वाली मुस्कान ,
बड़ी बेरहमी से खींच ली
गले में लटकी हुई साँसों की डोर ;
फफक कर रो पड़े सब
जिंदगी को मौत में तब्दील होता देख,
लूट कर सबकी खुशियाँ
गुम हो गया वो आसमान में
घने काले बादलों के बीच !
कोई बताये
कि ईश्वर लुटेरा है क्या ?
-- संकर्षण गिरि
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